8वां वेतन आयोग: आज हम सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग से संबंधित नवीनतम सूचना लेकर आए है। ‘वेतन’ हमेशा से सरकारी कर्मचारियों में चर्चा का विषय रहा है। मीडिया और सोशल मीडिया में बहुत दिनों से 8वें वेतन आयोग को लेकर काफी चर्चाएं हैं। कुछ मीडिया संस्थान कहते है की 8वां वेतन आयोग आने की पूरी उम्मीद है। जबकि कुछ मीडिया संस्थान कहते है की सरकार वेतन वृद्धि अयोग को लाने के विचार में नहीं है इससे लोगो में असमंजस बना हुआ था। सब संस्थानों/लोगो के अपने-अपने तर्क होते है क्योंकि पहले की सरकारों ने प्रत्येक दस वर्ष में वेतन वृद्धि अयोग पेश किया था। 6वां वेतन आयोग 2004 में आया था। उसके बाद 7वां वेतन आयोग 2014 में आया था। इस तर्क पर 2024 में 8वां वेतन आयोग आना चाहिए। और दूसरा इस वर्ष लोक सभा आम चुनाव भीं है लोगो और मीडिया संस्थानों के सभी तर्क 6 फरवरी को राज्य सभा में वित्त राज्य मंत्री, श्री पंकज चौधरी द्वारा अतारांकित प्रश्न संख्या 395 का जवाब देते हुए खारिज कर दिया माननीय मंत्री जी ने कहा कि “ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है”। यह प्रश्न माननीय सांसद श्री राम नाथ ठाकुर द्वारा पूछा गया था। उन्होंने इस प्रश्न में वेतन आयोग से संबंधित कई बाते पूछी गई थी। जो निम्नलिखित हैं।
प्रश्न
सांसद श्री राम नाथ ठाकुर
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) सरकार द्वारा 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के पैरा 1.22 पर विचार न करने और अनुमोदन न करने के लिए फाइलों में दर्ज कारण;
(ख) क्या आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना का कोई प्रस्ताव इस तथ्य के कारण विचाराधीन नहीं है क्या सरकार वेतन आयोग का बोझ उठाने की स्थिति में नहीं है;
(ग) यदि हां, तो ऐसी स्थिति का ब्यौरा और कारण क्या हैं; और
(घ) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आठवां केंद्रीय वेतन आयोग स्थापित नहीं कर रही है और पिछले तीस वर्षों में अभूतपूर्व मुद्रास्फीति का सामना कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन क्यों नहीं कर रही है?
उत्तर
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी)
(क): 7वीं सीपीसी के आधार पर वेतन और भत्तों में संशोधन को मंजूरी देते समय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे पर विचार नहीं किया है।
(ख) से (घ): ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।
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